ब्रह्म-ज्ञान (Brahm-Gyaan)
Manage episode 351112288 series 3337254
इस कविता में आत्मा के अजर अमर स्वरुप का वर्णन कर उसका अंतिम लक्ष्य ब्रह्म प्राप्ति बता कर उसके तीन अलग अलग मार्गों की परिचर्चा की गयी है। यही जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है और यही सबसे बड़ा ज्ञान है। इसीलिए इसे ब्रह्मज्ञान भी कहा गया है
आओ चलो एक गहरा राज तुम सबको बतलाता हूँ।
जीवन का ये सत्य शाश्वत आज तुम्हें समझाता हूँ।
पञ्च तत्व से बनी ये काया तन अपना ये नश्वर है।
तो क्यूँ इससे मोह करें जब क्षणभंगुर ये नाता है।
Full Poem in Audio Format ....
Write to me at HindiPoemsByVivek@Gmail.com
96集单集