Din Dooba | Ramdarash Mishra
Manage episode 411439728 series 3463571
दिन डूबा | रामदरश मिश्रा
दिन डूबा अब घर जाएँगे
कैसा आया समय कि साँझे
होने लगे बन्द दरवाज़े
देर हुई तो घर वाले भी
हमें देखकर डर जाएँगे
आँखें आँखों से छिपती हैं
नज़रों में छुरियाँ दिपती हैं
हँसी देख कर हँसी सहमती
क्या सब गीत बिखर जाएँगे?
गली-गली औ' कूचे-कूचे
भटक रहा पर राह ने पूछे
काँप गया वह, किसने पूछा-
“सुनिए आप किधर जाएँगे?"
401集单集